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Sensex Meaning in Hindi: सेंसेक्स क्या होता है? और सेंसेक्स कैसे बनता है?

आपने अक्सर टेलिविज़न पर, इंटरनेट पर या लोगों को सेंसेक्स के बारे मे बात करते हुए जरूर सुना होगा,आपको लगता होगा की आखिर “सेंसेक्स क्या है?” जो लोग इसके बारे मे इतने चर्चा करते रहते है। आपने यह भी लोगों को कहते हुए सुना होगा की आज सेंसेक्स इतना जादा बढ़ा है और आज तो सेंसेक्स घट गया है।  जो लोग शेयर मार्केट मे निवेश करते हैं उन्हे इसके बारे मे अछि तरह से पता होता है।

जब भी शेयर मार्केट की बात आती है तो सबसे पहले सेंसेक्स और निफ्टी ही आता है। अब ऐसे मे अगर आपको इनके बारे मे जानकारी ही नहीं होगी तो फिर आप शेयर मार्केट को कैसे समझ पाएंगे? इसलिए आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको सेंसेक्स के बारे मे पूरी जानकारी बताएंगे की Sensex Kya Hota Hai , सेंसेक्स कैसे बनता है इत्यादि ।

Sensex क्या है?

सेंसेक्स {Sensex} शब्द, यह दो शब्दों से मिलकर बना हुआ है पहला Sensivity और दूसरा Index यानि सूचकांक. सेंसेक्स को BSE SENSEX {Bombay Stock Exchange} भी कहा जाता है। सेंसेक्स BSE का एक सूचकांक {Index} है। S&P BSE SENSEX स्थापना 01 जनवरी 1986 को हुई थी। इसे भारत का सबसे पुराना स्टॉक मार्केट इंडेक्स भी कहा जाता है जिसे S&P (Standard & Poor’s) कंपनी द्वारा संचालित (Operate) किया जाता है। सेंसेक्स भारत का सबसे जादा ट्रैक किया जाने वाला सूचकांक (Index) है।

BSE मे लिस्टेड शेयर्स के भाव मे होने वाली उतार चढ़ाव या फिर कह सकते है तेजी – मद्दी को सेंसेक्स बताता है। सेंसेक्स मे Realiance, TCS, Asian Pain, HDFC Bank जैसे 30 भारत की सबसे बड़ी कॉम्पनियाँ सूचिबद्ध या लिस्टेड है जिसकी वजह से इसे BSE30 भी कहा जाता है। ये सभी 30 कम्पनिया भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण छेत्र (Sectors) को दर्शाती हैं। इसमे लिस्टेड भारत की 30 कंपनियां कैसी प्रदर्शन कर रही है , यह बताता है। अगर इसे मार्केट कैपीटलाइजेशन के आधार से देखा जाए तो ये सभी 30 कॉम्पनियाँ भारतीय अर्थव्यवस्था {GDP} की कुल लगभग 37% है।

देश मे कौन सी कॉम्पनियाँ कैसी प्रदर्शन कर रही है, शेयर बाजार किसी Position पर है यह सब सेंसेक्स के उतार चढ़ाव से पता चलता है। अगर बात की जाए की “सेंसेक्स किस करन्सी (Currency) मे Calculate किया जाता है?”   तो हम आपको बता दे की सेंसेक्स को भारत रुपया (INR) और U.S. Dollars (USD) मे calculate किया जाता है।

जब सेंसेक्स को पहली बार किया गया था तब इसकी गणना मार्केट कैप के आधार पर हुई थी लेकिन फिर सितंबर 2003 मे इसे फ्री-फ्लोट कैपिटलाइज़ेशन तरीका पर शिफ्ट कर दिया गया था।

महत्वपूर्ण पॉइंट्स

  • स्टॉक मार्केट ऐनलिस्ट दीपक मोहनी द्वारा सेंसेक्स शब्द की शुरुआत 1989 मे की गई थी।
  • सेंसेक्स BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) का एक हिस्सा है।
  • सेंसेक्स मे भारत की 30 सबसे लिस्टेड है जो भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण छेत्र (Sectors) को दर्शाती हैं।
  • सेंसेक्स को 1986 मे पहली बार लॉन्च किया गया था और इसे S&P द्वारा Operate किया जाता है।
  • सेंसेक्स मे लिस्टेड 30 सबसे बड़ी और प्रमुख कम्पनियाँ भारतीय अर्थव्यवस्था {GDP} की कुल लगभग 37% है।
  • सेंसेक्स का मार्केट कैप जनवरी 2022 तक 276.713 लाख-करोड़ (US$3.7 trillion) है।

सेंसेक्स कैसे बनता है? या सेंसेक्स का कैलकुलेशन कैसे होता है

सेंसेक्स क्या है- यह आपने भली भाति समझ लिए अब हम चलिए जानते है की आखिर “सेंसेक्स बनता कैसे है? यह कैल्क्यलैट कैसे किया जाता है?”

सेंसेक्स को Free Float Market Capitalization {FFMC} method से कैल्क्यलैट किया जाता है।

फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन  {FFMC}= मार्केट कैपिटलाइजेशन X फ्री फ्लोट फैक्टर

इसे भी पढे:- Job और Business मे क्या अंतर है? | Job Vs. Businesss in Hindi

सेंसेक्स और निफ्टी मे क्या अंतर है?

  • Sensex का पूरा नाम Sensitive Index है जबकि Nifty का पूरा नाम National Fifty है।
  • सेंसेक्स को S&P BSE Sensex कहा जाता है जबकि निफ्टी को C&P Nifty कहा जाता है।
  • सेंसेक्स मे कुल 30 कंपनिया लिस्टेड है, जबकि निफ्टी मे कुल 50 कंपनिया लिस्टेड हैं।
  • सेंसेक्स BSE यानि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है जबकि निफ्टी नैशन स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है।
  • सेंसेक्स का मार्केट कैपिटलाइजेशन Free Float Market Capitalization {FFMC} जबकि निफ्टी का मार्केट कैपिटलाइजेशन Investible Weight Factor {IWF} है
  • सेंसेक्स 15 Sectors को Cover करता हैं। जबकि निफ्टी 24 Sectors को कवर करता है।
  • सेंसेक्स का बेस वैल्यू 100 होता है जबकि निफ्टी का बेस वैल्यू 1000 होता है।

सेंसेक्स मे कंपनियों को कैसे चुना जाता है?

सेंसेक्स मे शामिल होने के लिए कंपनियों को 4 criteria को Fulfill करना होता है। अगर कंपनी उन चार criteria को fulfil करती है तभ जाकर उस कंपनी को सेंसेक्स मे शामिल किया जाता है। औयर अगर कंपनी उन चार criteria को नहीं fulfil कर पाती है तो उसे सेंसेक्स मे नहीं सामील लिया जाता है।

सेंसेक्स मे शामिल होने के लिए कौन-कौन से Criteria हैं?

  1. कंपनी BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) मे लिस्टेड होना चाहिए:- अगर कोई कंपनी सेंसेक्स मे शामिल होना चाहती है तो सबसे पहले वह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्टेड होना चाहिए। वह कंपनी सेंसेक्स मे कभी नहीं शामिल हो सकता है जो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे लिस्टेड ना हो।
  2. कंपनी बड़ा या MidSized का होना चाहिए:- किसी भी कंपनी को सेंसेक्स मे शामिल होने के लिए उसके पास लार्ज मिड साइज़ मार्केट कैपतलाइजेशन होना चाहिए।
  3. कॉमपनी का Stocks liquid होने चाहिए।
  4. कॉम्पनी का कमाई कोर activities से भी होना चाहिए

BSE मे कितनी कंपनियां शामिल है?

BSE Sensex मे सेंसेक्स मे  भारत की 30 सबसे लिस्टेड है जो भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण छेत्र (Sectors) को दर्शाती हैं।

नोट: नीचे बताया गया लिस्ट 17 मार्च 2022 तक के सेंसेक्स मे लिस्टेड कंपनियों के नाम है।

  1. एशियन पेंट्स (Asian Paints)
  2. ऐक्सिस बैंक (Axis Bank)
  3. बजाज ऑटो (Bajaj Auto)
  4. बजाज फाइनैन्स (Bajaj Finance)
  5. बजाज फिनसर्व (Bajaj Finserv)
  6. भारती एयरटेल (Bharti Airtel)
  7. डॉ रेड्डीज़ लैबॉरेटरीज़ ( Reddys Laboratories)
  8. यच सी यल टेकनोलोजीस (HCL Technologies)
  9. यच डी यफ सी (HDFC)
  10. यच डी यफ सी बैंक (HDFC Bank)
  11. हिंदुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (Hindustan Unilever Limited)
  12. आई सी आई सी आई बैंक (ICICI Bank)
  13. Induslnd Bank
  14. इंफ़ोसिस (Infosys)
  15. आई टी सी लिमिटेड (ITC Limited)
  16. कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
  17. लार्सेन एण्ड तौबरो (Larsen and Toubro)
  18. महिंद्रा एण्ड महिंद्रा (Mahindra and Mahindra)
  19. मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki)
  20. नेस्ले इंडिया (Nestle India)
  21. यन टी पी सी (NTPC)
  22. ऑइल एण्ड नेचुरल गैस कोरपोरेशन (Oil and Natural Gas Corporation)
  23. पावर ग्रिड कोरपोरेशन ऑफ इंडिया ( Oil Grid Corporation of India)
  24. रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (Reliance Industries Limited)
  25. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India)
  26. सन फार्म (Sun Pharma)
  27. टाटा कन्सल्टन्सी सर्विस (TCS)
  28. टेक महिंद्रा (Tech Mahindra)
  29. टाइटन कंपनी (Titan Company)
  30. अल्ट्र टेक सिमेन्ट (Ultra Tech Cement)

सेंसेक्स मे उछाल और गिरावट कैसे तय होती है?

सेंसेक्स की उछाल और गिरावट मे सबसे बड़ा योगदान होता है कंपनी के प्रदर्शन करने का। जिस दिन कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है उस दिन उस कंपनी के Shares के दाम बढ़ जाते है जिससे सेंसेक्स मे उछाल देखने को मिलता है और जिस दिन कंपनी का प्रदर्शन खराब होता है तो लोग shares को घाटा के डर से बेचने लगते है और उस दिन Shares का दम घट जाते है। और उस दिन सेंसेक्स मे गिरावट देखने को मिलता है।

मार्केट मे जिस कंपनी का प्रोडक्ट सबसे जादा खरीदा जाता है, सबसे जादा चर्चित होता है तब उसके shares के दाम बढ़ने लगते है और जब किसी कंपनी का प्रोडक्ट, सामान, सर्विस मार्केट मे अच्छा नहीं perform कर पाता है, उसपे नकरात्मक रीस्पान्स आने लगते है तो उस कंपनी के shares के दाम घटने लगते है। इसके साथ ही साथ बहूत सारे ऐसे फ़ैक्टर्स है जिसकी वजह से सेंसेक्स मे, शेयर बाजार मे उतार- चढ़ाव, उछाल और गिरावट देखने को मिलता है।

सेंसेक्स का अर्थ क्या होता है?-

Sensex का पूरा नाम Sensitive Index होता है।

BSE का पूरा नाम क्या है?-

BSE का पूरा नाम बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज है।

BSE की स्थापना कब की गई थी?

BSE की स्थापना 1 जनवरी 1986 को हुई थी।

कितनी कंपनी को मिलाकर सेंसेक्स इंडेक्स बना है?

भारत की 30 सबसे बड़ी और प्रमुख कंपनियों को मिलाकर सेंसेक्स बना हुआ है।

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